Chhattisgarh is now a big education hud after becoming a separate state in India, Chhattisgarh Education journey and its 11th year and Education Growth Rate is very fast and well recognised all above India and even world.
The backbone behind the Chhattisgarh Education and controlling authority is Chhattisgarh Higher Education Department of Government of Chhattisgarh, so obviously education department has played a vital role in managing Education development and growth of Chhattisgarh.
छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा की बढ़ती सुविधाएं - छत्तीसगढ़ के विकास में उच्च शिक्षा विभाग की अहम भूमिका
छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग युवओं को केवल ज्ञान और कौशल ही प्रदान नही करता बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
छत्तीसगढ़ का अधिकांश क्षेत्र पिछड़ा और वनाच्छादित है।
छत्तीसगढ़ की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों-वश अधिकांश युवा वर्ग उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति नही कर पाये हैं।
यद्यपि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद ही नये राज्य के विकास के लिए उच्च शिक्षा को भी बहुत अधिक महत्व दिया गया है।
राज्य छत्तीसगढ़ गठन के पश्चात सीमित संसाधनों के बावजूद उच्च शिक्षा विभाग ने विगत पांच वर्षों में कई उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त की है, जिनमें मुख्यत: विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की अधोसंरचना, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं रोजगारोन्मुखी पाठयक्रमों के क्षेत्र में शासकीय प्रयासों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों को भी अवसर प्रदान करना शामिल है।
छत्तीसगढ़ देश के उन प्रमुख राज्यों में से एक है, जहां राज्य शासन उच्च शिक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरी लगन और संवेदनशीलता के साथ निभा रहा है।
छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा संचालनालय के अन्तर्गत जगदलपुर, बिलासपुर एवं अम्बिकापुर में क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय हैं।
उच्च शिक्षा छत्तीसगढ़ विभाग में सात विश्वविद्यालय पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय और पंडित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर, इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़, बस्तर विश्वविद्यालय जगदलपुर और सरगुजा विश्वविद्यालय अम्बिकापुर में स्थापित हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च शिक्षा विभाग के 157 शासकीय महाविद्यालय, 16 अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालय और बिना अनुदान प्राप्त के 201 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं।
उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छत्तीसगढ़ निजी क्षेत्र विश्वविद्यालय विनियामक आयोग, छत्तीसगढ़ हिन्दी ग्रंथ अकादमी और छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी का भी गठन किया गया है। प्रदेश में दो निजी विश्वविद्यालय- मेट्स विश्वविद्यालय ग्राम गुल्लु-आरंग जिला रायपुर में और सी.वी.रमन विश्वविद्यालय करगीरोड-कोटा जिला बिलासपुर में स्थापित है।
छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2008-09 में विद्यार्थियों की कुल संख्या 86 हजार 595 रहा। इनमें स्नातक कक्षाओं के 76 हजार 760 और स्नातकोत्तर कक्षाओं के नौ हजार 835 विद्यार्थी शामिल हैं। स्नातक कक्षाओं में छात्रों की संख्या 39 हजार 248 और छात्राओं की संख्या 37 हजार 512 रहा। स्नातकोत्तर कक्षाओं में छात्रों की संख्या चार हजार 217 और छात्राओं की संख्या पांच हजार 618 रहा। प्रदेश के चार शासकीय महाविद्यालयों क्रमश: नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय रायपुर, स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरूद, दिग्विजय पी.जी. महाविद्यालय राजनांदगांव और आचार्य पंथ श्री गंधमुनि नाम साहब स्नातकोत्तर महाविद्यालय कवर्धा में ई-क्लास क्रियान्वित की गई है। इन चारों महाविद्यालयों में ई-क्लास रूम के अन्तर्गत आई.आई.टी. कानपूर के शिक्षाविदाें द्वारा विद्यार्थियों को अध्यापन कराया जा रहा है। इस योजना के फलस्वरूप विद्यार्थियों को उच्च स्तरीय अध्ययन का अवसर अपने महाविद्यालय स्तर पर ही प्राप्त हो रहा है, नयी तकनीक के कारण यह योजना विद्यार्थियों में लोकप्रिय एवं आकर्षण का केन्द्र भी बनती जा रही है। प्रदेश के अन्य महाविद्यालयों को भी इस योजना में शामिल करना शासन स्तर पर प्रस्तावित है।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ के युवा वर्ग को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता दिलाने तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए आधार पाठयक्रम में अंग्रजी के पश्न-पत्र पृथक से उत्तीर्ण होने का प्रावधान किया गया है। इस उदे्श्य की पूर्ति के लिए प्रदेश के चुनिन्दा महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाओं में अंग्रजी माध्यम से शिक्षा प्रदान किया जा रहा है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति के छात्रों को कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने के लिए राज्य के टीएसपी एवं एससीएसपी महाविद्यालयों में नि:शुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की गई है। प्रदेश के छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल बनाने के लिए रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर में कोचिंग केन्द्रों की भी व्यवस्था की गई है। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के सतत मूल्यांकन के लिए यूनिट टेस्ट, त्रैमासिक तथा अर्धवार्षिक परीक्षा की कार्य-योजना लागू किया गया है। विश्वविद्यालय शिक्षण विभागों तथा स्वशासी महाविद्यालयों की स्नातकोत्तर कक्षाओं में इस उदे्श्य की पूर्ति के लिए सेमेस्टर प्रणाली लागू किया गया है। महाविद्यालयों में अध्ययन के समय को बढ़ाने और विद्यार्थियों की समस्याओं के निवारण के लिए शैक्षणिक अमले को प्रतिदिन सात घंटा उपस्थित रहने के लिए निर्देश जारी किये गये है।
महाविद्यालयों में शिक्षण एवं प्रबंधन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए राज्य के कुछ महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन के लिए भी तैयार किया गया है। महाविद्यालयों में मेरिट के आधार पर छात्रसंघों के गठन संबंधी नियम बनाये गये है, साथ ही महाविद्यालयों में शांतिपूर्ण ढंग से छात्रसंघों का गठन किया गया है, ताकि शैक्षणिक वातावरण निष्प्रभावी रहे। राज्य के सभी शासकीय महाविद्यालयों में प्रशासनिक दक्षता के लिए प्राचार्यों के लिए प्रशिाक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश के युवाओं को बेहतरीन उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।